तेरी मेरी नज़दीकिय कब दिल को बहलाने लग देखके तुझको दिल न रहा मेर शाम को छत पर आना तेर सूरज को जैसे बहाना तेर नज़दीकियों की मजबूरी में दिल थ उड़ता उड़ता चल मुड़ता मुड़ता चल ज़ुल्फ़ों की छाँव म तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव म मैं गाऊँ इन फिजाओं म तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव म तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव म मानो तुम यह न तुम मान जानो तुम यह न तुम जान सुंदर तुमसा कोई नहीं देख सूरज भी समझे इशारे तेर नज़दीकियों के बहाने तेर तेरे ही नूर की गहराई में दिल थ उड़ता उड़ता चल मुड़ता मुड़ता चल ज़ुल्फ़ों की छाँव म तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव म मैं गाऊँ इन फिजाओं म तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव म तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव म तू कोल मेरे बैज आ गिनले तू सितार न साथ अपना छूट ये हौसला बना ल तू कोल मेरे बैज आ गिनले तू सितार न साथ अपना छूट ये हौसला बना ल उड़ता उड़ता चल मुड़ता मुड़ता चल