Raat Akeli Thi (feat. Antara Mitra)

Arijit Singh

Composed by: Varun Grover/Pritam
रात अकेली थी तो बात निकल गय
तन्हा शहर में वो तन्हा सी मिल गय
मैंने उससे पूछ
हम पहले भी मिले हैं कहीं क्य
फिर?

उसकी नज़र झुकी चाल बदल गय
ज़रा सा करीब आयी और संभल गय
हौले से जो बोल
मेरी जान बहाल गयी ह
क्या बोली?

हाँ हम मिले हैं सौ सौ दफ
मैं धूल हूँ, तू कारव
एक दूसरे में हम यूं लपट
मैं धूल हूँ, तू कारव

रात अकेली थी तो किस्सा ही बदल गय
भरे से शहर में वो भीड़ सा मिल गय
मैंने उससे पूछ
हम पहले भी मिले हैं कहीं क्य
फिर?

आँखियाँ मिलाके थोड़ा थोड़ा सा वो मुस्काय
मुझको भी ज़रा ज़रा सा तो कुछ याद आय
बोला मैंने राज़ य
कबसे ही था छुपाया ह
क्या राज़?

हाँ हम मिले हैं सौ सौ दफ
मैं धूल हूँ, तू कारव
इक दूसरे में हम यूं लपट
मैं धूल हूँ, तू कारव

की देखूँ मैं जहाँ तेरी ही निशान
हाँ तेरी ही निशान जाना फिर कह
की तेरी चुप में भी लाखों लाफ़्ज़ ह
की मेरे हाथ में हाँ तेरी नब्ज़ ह

हाँ हम मिले हैं सौ सौ दफ
मैं धूल हूँ, तू कारव
इक दूसरे में हम यूं लपट
मैं धूल हूँ, तू कारव

हाँ हम मिले हैं सौ सौ दफ
मैं धूल हूँ, तू कारव
इक दूसरे में हम यूं लपट
मैं धूल हूँ, तू कारव
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