O Maahi

Arijit Singh

Composed by: Irshad Kamil/Pritam
यारा तेरी कहानी म
हो ज़िक्र मेर
कहीं तेरी ख़ामोशी म
हो फ़िक्र मेर

रुख तेरा जिधर का ह
हो उधर मेर
तेरी बाहों तलक ही ह
ये सफ़र मेर

ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह
ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह

मेरी वफ़ा पे हक़ हुआ तेर
ओ माही, माही व

ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह
ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह
लो मैं क़यामत तक हुआ तेर
लो मैं क़यामत तक हुआ तेर

बातों को बहने द
बाहों में रहने द
है सुकून इनम

रास्ते वो बेगान
झूठे वो अफ़सान
तू ना हो जिनम

हो थोड़ी उम्र है प्यार ज़्यादा मेर
कैसे बता ये सारा तेरा होग
मैंने मुझे है तुझको सौंपन

आहों पे, बाहों प
राहों पनाहों प
आहों पे, बाहों प
साहों सलाहों प
मेरे इश्क़ पे हुआ हक़ तेर

ओ माही, माही व

ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह
ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह
लो मैं क़यामत तक हुआ तेर
ओ माही, माही व

ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह
ओ माही, ओ माही, ओ माही, ओ माह
मेरी वफ़ा पे हक़ हुआ तेर
लो मैं क़यामत तक हुआ तेर

लो मैं क़यामत तक हुआ तेर
लो मैं क़यामत तक हुआ तेर
मेरे इश्क़ पे हक़ हुआ तेर
लो मैं क़यामत तक हुआ तेर

ओ माही, माही र
ओ माही र
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